स्कूल बसों में लगा दीं अतिरिक्त सीटें, फर्स्ट एड बाक्स में एक्सपायरी दवाएं
हिमाचल प्रदेश। राजधानी शिमला में चल रही कई स्कूल बसों में ओवरलोडिंग करने के लिए अतिरिक्त सीटें लगा दी गई हैं। बसों के फर्स्ट एड बॉक्स में रखी दवाएं एक्सपायर हैं। अग्निशमक यंत्र पालीथिन में पैक कर बसों के कैरियर में पड़े हैं। रोक के बावजूद स्कूल बसों और टैक्सियों में धड़ल्ले से स्टीरियो बज रहे हैं। स्टीरियो के स्पीकर सीटों के नीचे छिपाकर फिट किए गए हैं। हैरानी की बात यह है कि निजी स्कूलों द्वारा संविदा के तहत स्कूली बच्चों को लाने ले जाने के लिए लगाई गई बसों में गहरा पीला रंग तक नहीं किया गया है। ऐसे में यह भी सवाल उठ रहे हैं कि शहर में चल रही स्कूल बसें परिवहन विभाग से पास करवाई गईं हैं या नहीं।
इतना ही नहीं, स्कूलों में लगाई गईं कई टैक्सियों की लाइटें टूटी हुई हैं। पेंट उखड़ा हुआ है। स्कूल बसों में बच्चों के बैग रखने के लिए सीटों के नीचे रैक होने अनिवार्य हैं। लेकिन, ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है।उधर, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी शिमला डीआर धीमान ने बताया कि जिन स्कूल बसों और स्कूल टैक्सियों में सरकार की ओर निर्धारित नियमों का पालन नहीं हो रहा, उनके संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
नियम
संविदा के तहत लगाई बसों में गहरा पीला पेंट होना चाहिए
बस पर आगे और पीछे स्कूल का नाम लिखा होना चाहिए
बस के भीतर चालक का नाम, फोटो, लाइसेंस नंबर, फोन नंबर प्रदर्शित हो
बस के भीतर पंक्ति में सीटें लगी हों, अतिरिक्त सीटें न लगी हाें
बस के शीशों पर न पर्दे हों, न ही फिल्म चढ़ी हो
स्कूल बस की एमवीआई से पासिंग होना अनिवार्य
बसों में जीपीएस और स्पीड गवर्नर होना अनिवार्य
आईएसआई मानक दो अग्निशामक यंत्र स्थापित हों