Uttarakhand and National-Current Affairs Hindi News Portal

यूरोप को और झटका

यूरोपियन यूनियन के तहत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी हिलती दिख रही है। महंगाई और कर्ज के बढ़ते संकट के बीच इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी ने दो रोज पहले इस्तीफा दे दिया।
यूरोप में जर्मनी को 30 साल में पहली बार व्यापार घाटा हुआ है। महंगाई का आलम यह है कि अब ट्रेड यूनियनें वहां हड़ताल पर जाने की धमकी दे रही हैं। बिगड़ती अर्थव्यवस्था का असर फ्रांस में दिख चुका है, जहां राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की पार्टी को संसदीय चुनाव में अपना बहुमत गंवाना पड़ा। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और एस्तोनिया की प्रधानमंत्री केजा कलास को हाल में इस्तीफा देना पड़ा।

कलास ने नया गठबंधन बना कर फिर से सत्ता संभाली है। लेकिन देश राजनीतिक अस्थिरता में प्रवेश कर गया है। अब यूरोपियन यूनियन के तहत आने वाली तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी हिलती दिख रही है। महंगाई और कर्ज के बढ़ते संकट के बीच इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी ने दो रोज पहले इस्तीफा दे दिया। 74 वर्षीय द्राघी बैंकर हैं। 2008 के वित्तीय संकट के दौरान यूरो मुद्रा को बचाने का श्रेय उन्हें दिया जाता है। साथ ही इटली में आर्थिक स्थिरता लाने का श्रेय भी उन्हें रहा है। लेकिन यूक्रेन युद्ध के बाद पैदा हुए ऊर्जा संकट के बीच द्राघी के नेतृत्व वाले गठबंधन में फूट पड़ गई है। फिलहाल इटली के राष्ट्रपति सर्गियो मातारेला ने द्राघी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। लेकिन राजनीतिक संकट दूर नहीं हुआ है।

द्राघी के नेतृत्व वाले गठबंधन से फाइव-स्टार पार्टी अलग हो गई है। उसने द्राघी के आर्थिक सुधार कार्यक्रम को समर्थन देने से इनकार कर दिया है। फाइव-स्टार सत्ताधारी गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी थी। मतलब यह कि अभी किसी तरह द्राघी की सरकार बच जाती है, तब भी वह स्थिर शासन नहीं दे पाएगी। बल्कि आने वाले दिनों में सत्ता संघर्ष और तेज होगा। इटली में अगले साल आम चुनाव होने हैं।

इसलिए सत्तधारी गठबंधन में शामिल पार्टियां ऐसे सुधारों के साथ खड़ी नहीं दिखना चाहतीं, जिनसे आम जनता पर बोझ बढ़ेगा। अर्थशास्त्रियों ने चिंता जताई है कि आर्थिक संकट के इस वक्त में इटली में राजनीतिक अस्थिरता का बढऩा खराब संकेत है। यूरोपियन यूनियन की मुद्रा यूरो के भाव में बीते तीन महीनों में रिकॉर्ड गिरावट आ चुकी है। इस कारण यूरो जोन में आने वाले देशों में चिंता गहरी हुई है। ये चिंता अभी और गहराने वाली है।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.