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सेना ने उत्तराखंड में विवादित डाक मतपत्र के वायरल वीडियो को अपना मानने से किया इन्कार

देहरादून। उत्तराखंड में इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक ही व्यक्ति द्वारा अन्य व्यक्तियों के डाक मतपत्र पर हस्ताक्षर किया जाना दिख रहा है। इसे डीडीहाट विधानसभा क्षेत्र का बताया गया। इस वीडियो के सामने आने पर कांग्रेस ने इसे लेकर कड़ी आपत्ति जताई और मुख्य राज्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज कराई। इस पर राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने जिलाधिकारी पिथौरागढ़ और डीडीहाट विधानसभा से जुड़े सेना के रिकार्ड आफिस से इस बारे में जानकारी मांगी।

डाक मत पत्र के वायरल वीडियो के मामले में सेना ने अपना जवाब राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को भेज दिया है। सेना ने इस वीडियो को अपने कार्यालय का मानने से इन्कार कर दिया है। अब राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय इस मामले में और अधिक विस्तृत जानकारी मिलने का इंतजार कर रहा है। राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि सेना ने इस वीडियो को अपना मानने से इन्कार किया है। सेना ने कहा है कि यह वीडियो उनके यहां का नहीं है। राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि वीडियो को देखकर यह नहीं बताया जा सकता कि ये कहां का है। ऐसे में अब यह प्रयास किया जा रहा है कि इस संबंध में और अधिक जानकारी मिल सके। तभी इस बारे में कुछ किया जा सकता है।

सैनिकों, बजुर्गों व कार्मिकों पर सवाल उठा रही कांग्रेस
भाजपा ने कांग्रेस पर सैनिकों, बुजुर्गों व कार्मिकों के विवेक पर सवालिया निशान लगाने का आरोप लगाया है। भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कांग्रेस द्वारा पोस्टल बैलेट की पुनर्मतदान की मांग पर कहा कि कांग्रेस ऐसे वीडियो को आधार बना वैध मतों को अवैध बताने में जुटी है, जिसकी सत्यता प्रमाणित नहीं है। एक बयान में भाजपा मीडिया प्रभारी ने कहा कि सच्चाई यह है कि कांग्रेस डरी हुई है। इसकी जांच चल रही है। सच्चाई सामने आने का इंतजार किए बगैर कांग्रेस पोस्टल बैलेट के पुनर्मतदान की मांग कर रही है। जनता कांग्रेस की हताशा और सैनिकों तथा बुजुर्गों के अपमान के कृत्य को देख रही है।

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