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एकल उपयोग प्लास्टिक के प्रयोग पर प्रतिबंध लगने के बाद भी बाजारों में इनकी मौजूदगी बरकरार

दिल्ली। एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर बैन लगा दिया गया है, सिंगल यूज प्लास्टिक पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक है, पर्यावरण संरक्षण को मद्देनजर रखते हुए सरकार द्वारा यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है, लेकिन लोग इसका  सख्ती से पालन नहीं कर रहे है। सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगने के बाद भी दुकानों से लेकर कई स्थानों पर इसका प्रयोग करते हुए देखा गया है, वहीं लोग बेझिझक इसका प्रयोग कर रहे है। दिल्ली के मुख्य बाजारों में सिंगल यूज प्लास्टिक का खुले आम प्रयोग करते हुए देखा गया है।

करोलबाग
करोलबाग मध्य दिल्ली के व्यस्तम बाजारों में से एक है। यहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में दिल्ली समेत एनसीआर से लोग खरीदारी के लिए पहुंचते हैं। प्रमुख तौर पर शादी की खरीदारी से लेकर ऑटो पार्ट्स व मोबाइल खरीदारी के लिए यहां लोगों की भीड़ देखी जाती है। इसके साथ-साथ यहां खाने-पीने की शौकिन भी लोग रूख करते हैं। ऐसे में यहां रेहड़ी पटरी वालों से लेकर रेस्तरां में लोगों की भीड़ लगी रहती है।

शनिवार को बाजार में छोटी दुकानों से लेकर बड़ी दुकानों में एकल उपयोग प्लास्टिक को लेकर लगे प्रतिबंध का असर बेअसर दिखा। केंद्र सरकार की ओर से प्रतिबंधित 19 उत्पादों में यहां स्ट्रॉ, प्लेट व कप व गिलास का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा था। इन उत्पादों का सबसे अधिक उपयोग रेहड़ी पटरी वालों द्वारा किया जा रहा है। वहीं, शीतल पेय विक्रेता भी इसका अधिक उपयोग कर रहे हैं। इस संबंध में एक शिकंजी विक्रेता राजेंद्र भदौरिया का कहना है कि वर्तमान में इस्तेमाल किए जा रहे स्ट्रॉ की कीमत 50 पैसे पड़ रही है, वहीं कागज से बने स्ट्रॉ की कीमत एक रुपये तक पड़ेगी।
पूर्व में इस तरह के स्ट्रॉ रखे थे, लेकिन ग्राहक इसके लिए अलग से रुपये देने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में फिर से प्लास्टिक के स्ट्रॉ को रख लिया है। उन्होंने कहा कि यदि इन उत्पादों को सरकार सस्ते दामों में उपलब्ध करा दे तो इस्तेमाल करने में अधिक परेशानी नहीं होगी। एक अन्य दुकानदर नवीन कौशिक ने कहा कि वह लंबे समय से प्लास्टिक के गिलासों का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनके पास प्लास्टिक के गिलास का विकल्प भी उपलब्ध है, लेकिन ऐसे गिलास का मूल्य अधिक है। ऐसे में इस तरह के गिलास के लिए एक से दो रुपये का शुल्क लिया जाता है, लेकिन ग्राहक इस शुल्क के भुगतान के लिए तैयार नहीं हैं। वहीं, बाजार में पॉलीबैग के इस्तेमाल को लेकर बिल्कुल भी सख्ती नजर नहीं आई। दुकानदारों से लेकर ग्राहक पॉलीबैग का इस्तेमाल करते हुए नजर आए। ऐसे लोगों की संख्या न के बराबर थी, जो अपने साथ घर से बैग लेकर आए थे।
कनॉट प्लेस
दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में भी एकल उपयोग प्लास्टिक के विकल्पों का कम इस्तेमाल किया जा रहा है। यहां प्रतिबंधित वस्तुओं में शामिल स्ट्रा, गिलास व कांटे और चम्मच का अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है। इन उत्पादों का प्रयोग रेहड़ी पटरी पर खाने वाले लोग कर रहे हैं। इस संबंध में मालवीय नगर से कनॉट प्लेस पहुंचे रवि गुप्ता ने कहा कि रेहड़ी पटरी वालों से कम दाम में स्वादिष्ट पकवान मिल रहे हैं। ऐसे में प्लास्टिक के विकल्पों के लिए अतिरिक्त शुल्क देने आवश्यकता क्यों करें। उन्होंने कहा कि सरकार को सस्ते दामों में प्लास्टिक के विकल्पों को लोगों तक पहुंचाना चाहिए। वहीं, कनॉट प्लेस में भी लोगों के हाथ में कपड़े के बैग के बजाय पॉलीबैग ही नजर आए। यहां शॉपिंग करने वाले लोगों के हाथों में पॉलीबैग नजर आ रहे थे। हालांकि, ब्रांडेड शोरूम से निकलने वाले लोगों के हाथ में कागज के बैग थे। 

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