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दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के बधावन बंधुओं की मुश्किलें बढ़ीं, 34615 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का नया मामला दर्ज

नई दिल्ली। सीबीआई ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, उसके पूर्व सीएमडी कपिल वधावन, निदेशक धीरज वधावन और अन्य के खिलाफ 34,615 करोड़ रुपये धोखाधड़ी का नया मामला दर्ज किया है। इसके साथ ही यह एजेंसी द्वारा जांच की गई सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी का मामला बन गया है। मामला दर्ज होने के बाद एजेंसी के 50 से अधिक अधिकारियों की एक टीम ने प्राथमिकी में दर्ज आरोपियों से संबंधित 12 स्थानों पर मुंबई में तलाशी ली, जिसमें अमरेलिस रियल्टर्स के सुधाकर शेट्टी और आठ अन्य बिल्डर भी शामिल हैं।

अधिकारियों ने कहा कि बैंक ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने 2010 और 2018 के बीच विभिन्न व्यवस्थाओं के तहत कंसोर्टियम से 42,871 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा का लाभ उठाया था, लेकिन मई 2019 से पुनर्भुगतान में चूक करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि ऋणदाता बैंकों द्वारा खातों को अलग-अलग समय पर गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीएस) घोषित किया गया था। जब जनवरी 2019 में डीएचएफएल जांच की चपेट में आ गया था, तब मीडिया में धन के डायवर्जन, राउंड ट्रिपिंग और फंड की हेराफेरी के आरोपों पर मीडिया रिपोर्ट सामने आई थी।

सदस्यों ने केपीएमजी को 1 अप्रैल, 2015 से 31 दिसंबर, 2018 तक डीएचएफएल की विशेष समीक्षा ऑडिट करने के लिए नियुक्त किया। बैंकों ने कपिल और धीरज वधावन के खिलाफ 18 अक्टूबर, 2019 को उन्हें देश छोड़ने से रोकने के लिए लुक आउट सर्कुलर जारी करने की प्रक्रिया शुरू की।बैंक ने आरोप लगाया है कि केपीएमजी ने अपने ऑडिट में संबंधित और परस्पर जुड़ी संस्थाओं और व्यक्तियों को ऋण और एडवांस की आड़ में धन का कहीं और निवेश कर दिया।

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