स्ट्रांग रूम के बाहर बढ़ा पहरा,सुरक्षा में 23 कंपनी अर्धसैनिक बल के जवान
लखनऊ। 10 मार्च को राजनैतिक दलों के भविष्य का फैसला होना है मतो की गणना शुरू हो चुकी है जिसके चलते स्ट्रांग रूम पर खासा बवाल भी देखने को मिला है। बता दें की स्ट्रांग रूम पर पहुंची सरकारी गाड़ी को लेकर मचे बवाल के बाद राजनीतिक दलों ने स्ट्रांग रूम के बाहर अपने कार्यकर्ताओं का पहरा बढ़ा दिया है। सपा और बसपा के मुखिया ने अपने-अपने कार्यकर्ताओं को स्ट्रांग रूम के बाहर पहरा देने और संदिग्ध गतिविधियों की वीडियो रिकार्डिंग करने के निर्देश दिए हैं। वहीं चुनाव आयोग और पुलिस अधिकारियों का कहना है कि स्ट्रांग रूम पूरी तरह से सुरक्षित है, कहीं भी स्ट्रांग रूम तक जाने की किसी को भी इजाजत नहीं है। इसके लिए पुख्ता सुरक्षा प्रबंध भी किए गए हैं।
लखनऊ में स्ट्रांग रूम परिसर में सरकारी गाड़ी के प्रवेश और गाड़ी से आपत्तिजनक औजार मिलने के बाद चुनाव आयोग ने रिपोर्ट तलब की है। वहीं आयोग केअधिकारियों का कहना है कि स्ट्रांग रूम में दो स्तर की सुरक्षा व्यवस्था है। बाहरी क्षेत्र में जो भी अधिकारी जाते हैं उन्हें बकायदा वहां रखे रजिस्टर में अंकित करना होता है। अंदरूनी क्षेत्र में किसी के जाने के इजाजत नहीं है। अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि अब तक जिन पांच चरणों में चुनाव हुए हैं वहां 54 जिलों में 68 स्ट्रांग रूम बनाए गए हैं। हर स्ट्रांग रूम पर पर्याप्त संख्या में केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों की ड्यूटी लगाई गई है। हर स्ट्रांग रूम पर केंद्रीय अर्ध सैनिक बल के एक सेक्शन बल की तैनाती की गई है। एक सेक्शन में लगभग 30 जवान रहते हैं, जिनकी ड्यूटी तीन शिफ्ट में लगाई जाती है।
उधर, लखनऊ की घटना के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ईवीएम की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए थे और ईवीएम की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने की मांग की थी और अपने कार्यकर्ताओं से भी अपील की थी कि वे खुद स्ट्रांग रूम की निगरानी करें। वहीं अखिलेश यादव ने भी लखनऊ की घटना का जिक्र करते हुए ट्वीट किया है और कार्यकर्ताओं से स्ट्रांग रूम केबाहर पहरा देने की अपील की है।