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राम रहीम को जेड प्लस सुरक्षा पर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे ने उठाए सवाल, लगाए गंभीर आरोप

हरियाणा।  हत्या और दुष्कर्म के दोष में सजा काट रहे डेरामुखी राम रहीम को फरलो के दौरान जेड प्लस सुरक्षा दिए जाने के फैसले पर दिवंगत पत्रकार राम चंद्र छत्रपति के पुत्र अंशुल छत्रपति ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पहले ही डेरा प्रमुख को फरलो गैरकानूनी तरीके दी गई है। हार्डकोर क्रिमिनल को ऐसी सुविधा नहीं दी जा सकती।

उन्होंने कहा हाईकोर्ट में हरियाणा सरकार ने एक पिटीशन के अंदर रिप्लाई फाइल किया है। उसमें जवाब दिया है कि गुरमीत राम रहीम सीधे तौर पर कत्ल के अंदर शामिल नहीं है, इसलिए यह हार्डकोर क्रिमिनल श्रेणी में नहीं आता। अंशुल का कहना है कि यह व्यक्ति एक हार्डकोर क्रिमिनल है दो-दो कत्ल और दो-दो दुष्कर्म का दोषी है और सजा भुगत रहा है।

इसके अलावा कई अन्य मामलों भी इसके जिसके खिलाफ अभी ट्रायल और जांच पेंडिंग है। अंशुल का कहना है कि 2017 में  तीन-तीन राज्यों में दंगे फैले। आरोप लगाया कि यह सब डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की शह और साजिश के तहत हुआ। सरकार कैसे यह कह रही है कि वह हार्डकोर क्रिमिनल नहीं है।

अगर सरकार मानती है कि डेरा प्रमुख को खालिस्तान समर्थकों से खतरा है तो उसके लिए जेल ही सुरक्षित जगह है। उसको जेल से बाहर क्यों लाया जा रहा है। अगर लाया जा रहा है तो फिर इतनी रहमदिली क्यों दिखाई जा रही है। अंशुल छत्रपति ने कहा कि जहां तक जेड प्लस सुरक्षा की बात है तो जो पीड़ित परिवार है, उनके प्रति आज तक हरियाणा सरकार का या प्रशासन का रवैया सही नहीं है।

7 फरवरी को दी गई थी फरलो
राम रहीम 7 फरवरी से गुरुग्राम के नाम चर्चा घर में रह रहा है। यहां पर वह कड़ी पुलिस सुरक्षा में है। वह ज्यादा किसी से नहीं मिल रहा है और जो लोग उससे मिलने जा रहे हैं, उनका भी पुलिस पूरा रिकॉर्ड रख रही है। शिरोमणि गुरु द्वारा प्रबंधक कमेटी भी सरकार द्वारा गुरमीत राम रहीम को फरलो देने के फैसले का विरोध कर चुकी है।

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