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एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को मिली बंपर वोटों से जीत, देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनी मुर्मू

दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को बंपर वोट मिले हैं। आंध्र प्रदेश, नगालैंड और सिक्किम जैसे राज्यों में तो उन्हें 100 फीसदी वोट हासिल हुए हैं। लेकिन इस बीच केरल में मिले एक वोट की सबसे ज्यादा चर्चा है। दरअसल केरल की विधानसभा में 140 सदस्य हैं और इनमें से एक भी भाजपा का नहीं है। इसके बाद भी द्रौपदी मुर्मू को एक वोट मिलने पर भाजपा ने खुशी जताई है। यही नहीं भाजपा ने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी के शासन वाले केरल में द्रौपदी मुर्मू को मिला 1 वोट 139 पर भारी है। भाजपा ने कहा कि नकारात्मकता के 139 वोटों के मुकाबले 1 वोट का महत्व ज्यादा है।

इस वोट के कारण केरल के राजनीतिक खेमों में खलबली मच गई है क्योंकि 140 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी का कोई विधायक नहीं है। इसलिए उम्मीद की जा रही थी कि सभी वोट विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को मिलेंगे। केरल की सत्ताधारी पार्टी सीपीएम और कांग्रेस नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन यूडीएफ ने यशवंत सिन्हा को समर्थन देने का ऐलान किया था। राजनीतिक पर्यवेक्षकों द्वारा अब यह सवाल उठाया जा रहा है कि एनडीए की उम्मीदवार को वोट गलती से दिया गया या जानबूझकर। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि किसका वोट द्रौपदी मुर्मू को मिला है।

भाजपा की केरल यूनिट ने द्रौपदी मुर्मू को वोट मिलने पर खुशी जाहिर की है। भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा, ‘द्रौपदी मुर्मू को जो एक वोट केरल से मिला है, उसका अन्य 139 मतों से अधिक महत्व है।’ उन्होंने कहा कि यह नकारात्मकता के खिलाए एक ‘सकारात्मक वोट’ है। गौरतलब है कि मुर्मू ने विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराकर आदिवासी समुदाय से पहली राष्ट्रपति बनकर बृहस्पतिवार को इतिहास रच दिया। मुर्मू ने मतगणना में 64 प्रतिशत से अधिक वैध मत प्राप्त कर सिन्हा के खिलाफ भारी अंतर से जीत हासिल की।

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