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त्योहारों पर कम हो सकते हैं तेलों के दाम

इंदौर। त्योहारों का सीजन शुरु होने वाला है ऐसे में खाद्य तेलों की कीमतों में और कमी की उम्मीद उपभोक्ताओं को बढ़ती महंगाई से राहत दे सकते हैं। दि सोयाबीन प्रोफेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) ने तेल वर्ष 2021-2022 के लिए सोयाबीन और सोया मील की आपूर्ति और उपलब्धता पर रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि पिछले तेल वर्ष के मुकाबले इस वर्ष देश में सोयाबीन का उत्पादन ज्यादा रहा। आयात भी बीते वर्ष से ज्यादा हुआ है जबकि सीजन के दौरान मंडियों में आवक और प्लांटों में क्रशिंग कम रही। इसके चलते जुलाई की स्थिति में अब भी देश में सोयाबीन का स्टाक अच्छा है। सोपा की रिपोर्ट के अनुसार एक जुलाई तक देश के सोया प्लांट, ट्रेडर्स और किसनों के हाथ में सोयाबीन का स्टाक 48.17 लाख टन है।

बीते वर्ष इस अवधि में ये स्टाक मात्र 13.04 लाख टन था। यानी अब भी मंडियों में आने और क्रशिंग के लिए देश में सोयाबीन का पर्याप्त स्टाक मौजूद है। इस तेल वर्ष यानी अक्टूबर 2021 से सितम्बर 2022 के दौरान देश में सोयाबीन की कुल फसल 120.72 लाख टन आंकी  गई है। बीते वर्ष यह आंकड़ा सिर्फ 109 लाख टन था। दरअसल, अच्छे दामों की उम्मीद और एग्री कमोडिटी में लगातार तेजी बनी रही इसके लिए बड़े किसान और स्टाकिस्टों ने माल रोक रखा था। नतीजा अब देश में अच्छा भंडार उपलब्ध है। सितम्बर से सोयाबीन की नई फसल की आवक भी शुरु हो जाएगी। ऐसे में आने वाले दिनों में मिलों पर क्रशिंग का दबाव बढ़ेगा। इससे लोगों को त्योहारों के दौरान खाद्य तेल की उपलब्धता सुगम रहने पर तेलों की गिरते दामों से राहत मिलेगी। इस साल अंतरराष्ट्रीय बाजार में रुस … यूक्रेन संकट के कारण खाद्य तेलों के दाम ऊंचाई पर पहुंच चुके हैं। भारत विश्व में खाद्य तेलों का सबसे बड़ा आयातक है। हम अपनी जरूरत का करीब 65 फीसदी तेल आयात करते हैं। ऐसे में देश में अब सोयाबीन का अच्छा स्टाक बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण की उम्मीद लगा रहा है।
अनिल पुरोहित/अशफाक

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