हर माह के दूसरे और चौथे रविवार को लगेगी जैविक किसान मंडी
भोपाल। लोगों को सीधे जैविक किसानों और उत्पादकों से जोडऩे के उद्देश्य से आयोजित तीन दिवसीय अनंत महोत्सव का रविवार को गांधी भवन में समापन हुआ। अंतिम दिन यहां बड़ी संख्या में लोगों ने सब्जी, फल व अनाज की खरीदारी की। यहां आए सभी लोगों ने तीन साल से लगातार गांधी भवन में महीने के दूसरे और चौथे रविवार को आयोजित की जा रही युवाओं की इस अनूठी पहल अनंत मंडी की दिल खेाल कर प्रशंसा की। रविवार को विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिसमें कई प्रतिभागियों ने भाग लिया। फजल रशीद और मुस्कान समूह ने खाद कार्यशाला में प्रतिभागियों को घर से बची हुई सब्जियों और फलों के छिलकों के कचरे का प्रबंधन करना सिखाया।
फजल रशीद ने किचन गार्डन पर एक कार्यशाला ली, जिसमें प्रतिभागियों ने कम जगह में सब्जियां और फल उगाना सीखा। साथ ही घर पर रसायन मुक्त सब्जियां कैसे उगाई जाएं, इस पर अपने अनुभव साझा किए। बीजोस्व नागपुर से जुड़ी प्राची महूरकर ने पारंपरिक बीजों के बारे में बताते हुए उनकी पहचान कर उनके रख-रखाव और बचाव के बारे में बताया। समूह चर्चा में प्रतिभागियों को प्राची, पूर्वी और फजल के जीवन के कुछ पक्षों से परिचित होने का मौका मिला और उन्हें कुछ नया करने के लए प्रोत्साहित किया गया। प्राची का आईटी से इकोलाजिकल कंसल्टेंट बनने तक का सफर काफी दिचलस्प रहा। पूर्वी कैसे हजारों किसानों के साथ मिलकर काम कर रही है। मीडिया कंपनी ने फजल के टैरेस फार्मिंग में आने के कारणों के बारे में सुनकर लोग काफी प्रसन्न हुए। अंतिम दिन रुतबा बैंड ने अपने खुद के लिखे गानों और बालीवुड गानों पर प्रस्तुति देकर सबको थिरकने को मजबूर कर दिया। बैंड ने तेरी दीवानी, रमता जोगी, अलबेला सजन जैसे गाने सुनाए।