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अग्निपथ योजना के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के चलते रेल मंत्रालय ने की 529 ट्रेनें रद

दिल्ली। अग्निपथ योजना को लेकर आंदोलन के कारण 181 मेल एक्सप्रेस रद्द और 348 यात्री ट्रेनें रद्द कर दी गईं हैं। वहीं चार मेल एक्सप्रेस और छह पैसेंजर ट्रेनें आंशिक रूप से रद्द हैं। हालांकि, किसी भी ट्रेन को डायवर्ट नहीं किया गया है। रेल मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है।

लखनऊ मंडल में बीते तीन दिनों में 180 से अधिक ट्रेनों को निरस्त किया गया। ऐसे में इनसे सफर करने वाले नौ हजार यात्रियों को रेलवे ने रविवार तक 52 लाख रुपये रिफंड किए हैं। सियालदाह, सद्भावना, न्यू जलपाईगुड़ी, नाहरलागुन एक्सप्रेस सहित दर्जनों ट्रेनें अग्निपथ के विरोध की भेंट चढ़ गईं। उत्तर व पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन की ओर से यात्रियों व ट्रेनों की सुरक्षा को देखते हुए बड़ी संख्या में गाड़ियों को रद्द किया गया।

पंजाब, दिल्ली, हावड़ा रूट की ट्रेनें कैंसिल होने से टिकट का रिफंड लेने वालों की भीड़ रेलवे स्टेशनों पर उमड़ गई। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि आरक्षण केंद्रों से नौ हजार लोगों को तीन दिनों में 52 लाख रुपये से अधिक का रिफंड दिया गया है। अकेले रविवार को मंडल में तीन हजार यात्रियों को 17 लाख रुपये रिफंड किए। अनुमान जताया जा रहा है कि ऑनलाइन व ऑफलाइन मिलाकर करीब 65 हजार यात्रियों का एक करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड दिया जाना है।

अग्निपथ योजना के विरोध  प्रदर्शनकारियों ने लगभग 700 करोड़ रुपये की रेलवे संपत्ति में तोड़फोड़ की है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, एक सामान्य कोच के निर्माण में 80 लाख रुपये की लागत आती है, जबकि एक स्लीपर कोच और एक एसी कोच की लागत क्रमश: 1.25 करोड़ रुपये और 3.5 करोड़ रुपये प्रति यूनिट है। एक रेल इंजन बनाने के लिए सरकार को 20 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने पड़ते हैं। 12-कोच वाली पैसेंजर ट्रेन की कीमत 40 करोड़ रुपये से अधिक है और 24-कोच वाली ट्रेन की लागत 70 करोड़ रुपये से अधिक है।

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