Uttarakhand and National-Current Affairs Hindi News Portal

सऊदी अरब और तुर्की में बढ़ रही दोस्ती, प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान जाएंगे अंकारा के दौरे पर

काबुल । इस्तांबुल स्थित सऊदी वाणिज्यिक दूतावास में पत्रकार जमाल खशोगी की 2018 में हत्या के बाद सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान तुर्की के दौरे पर जा रहे हैं। प्रिंस सलमान का यह दौरा तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन के रियाद दौरे के के एक महीने के बाद हो रहा है।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि एर्दोगन का अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वियों में से एक के साथ संबंधों को पुनर्जीवित करना मजबूरी है। एर्दोगन का यह फैसला बड़े पैमाने पर इकॉनमी और ट्रेड से प्रेरित है। आम चुनाव से एक साल पहले तुर्की के जीवन स्तर में गिरावट आ रही है जो एर्दोगन के दो दशक के शासन की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।
वाशिंगटन इंस्टीट्यूट के तुर्की विशेषज्ञ सोनर कैगाप्टे ने कहा है कि एर्दोगन सिर्फ खुद के बारे में सोच रहे हैं। मुझे लगता है कि उन्होंने तुर्की और खुद के गौरव को मिटाकर भी चुनाव जीतना चाहते हैं। लेकिन यह सिर्फ तुर्की के बारे में नहीं है। सऊदी अरब ईरान की गतिविधियों को लेकर चिंतित है। ऐसे में वह तुर्की को अपने पाले में रखना चाहता है।
कैसे बिगड़े दोनों देशों के बीच संबंध

सउदी के साथ तुर्की की समस्याएं तब शुरू हुईं जब अंकारा ने मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के 2013 में काहिरा में मुस्लिम ब्रदरहुड को सत्ता से हटाने को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। सउदी और अन्य अरब राज्यों ने ब्रदरहुड को अस्तित्व के लिए एक खतरे के रूप में देखा था। 2017 में कतर पर सउदी और उनके सहयोगियों द्वारा लगाए गए लगभग चार साल के नाकेबंदी को तोडऩे की कोशिश के बाद ये प्रतिद्वंद्विता तेज होती गई।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.