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अदालत ने आठ नेताओं को किया बरी, राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने का था आरोप

हरियाणा। हिसार में हिसार जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मय्यड़ गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने के करीब पौने सात साल पुराने मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शिफा की अदालत ने महिला सहित आठ नेताओं को बरी कर दिया है। बरी होने वालों में जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेश महासचिव महेंद्र सिंह पूनिया, सूबेदार ओमप्रकाश, कुलदीप लाडवा, जोगेंद्र मय्यड़, निर्मला दहिया, रामभगत मलिक, रिटायर्ड एसडीओ सतबीर सिंह पूनिया व सुरेश कौथ शामिल हैं। इस बारे में पुलिस ने 27 जुलाई, 2015 को भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 149, 283, 341 व राष्ट्रीय राजमार्ग एक्ट की धारा 8-बी के तहत मामला दर्ज किया था।

आरोपियों की पैरवी करने वाले एडवोकेट सुंदर सिंह बैनीवाल ने बताया कि पुलिस एफआईआर के अनुसार घटना वाले दिन जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगाया हुआ था। इस मामले की जांच के दौरान पुलिस ने उपरोक्त आठ पदाधिकारियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ पुलिस में चालान पेश किया था।

मामले की सुनवाई के दौरान शनिवार को अदालत ने सभी आठ आरोपियों को बरी कर दिया। जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारी जोगेंद्र मय्यड़ ने बताया कि 7 वर्ष पहले हरियाणा सरकार ने इन मुकदमों को वापस लेने की हामी भरी थी लेकिन सरकार अपने वादे से मुकर गई। अब अदालत ने अपने फैसले में जाट आरक्षण आंदोलन के 8 नेताओं को बरी कर दिया है।

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