Uttarakhand and National-Current Affairs Hindi News Portal

अधिकारियों के संरक्षण में कोरोना काल में गली-मोहल्लों में खुले अस्पताल, ज्यादातर कागजों में

भोपाल,16 अप्रैल। कोरोना काल की त्रासदी में जहां आमजन बेहाल था और अपनों की जान बचाने के लिए दिनों-रात एक कर रहा था वहीं इस आपदा में गली-मोहल्लों में कुकुरमुत्तों की तरह निजी नर्सिंग असपताल खुल रहे थे। इन्होंने आपदा को भी अवसर में बदलने का कोई मौका नहीं छोड़ा और जमकर आमजन व मरीजों से लूट-खसोट की। आज मध्य प्रदेश फर्जी नर्सिंग होम व अस्पतालों का गढ़ बन चुका है। जिसमें नंबर एक पर ग्वालियर महानगर है। जबकि फर्जी नर्सिंग होम के मामले में प्रदेश की जानकारी भोपाल दूसरे नंबर पर है। यह खुलासा पिदे दिनों स्वास्थ्य विभाग द्वारा कराए गए औचक निरीक्षण में हुआ। जिसमें एक हजार से अधिक नर्सिंग होम संचालकों को नोटिस जारी किए गए। वहीं डेढ़ सैंकड़ा से अधिक के पंजीयन निरसत किए गए। कोरोनाकाल में गली-मोहल्लों में खुले नर्सिंग होम व नर्सिंग कॉलेज द्वारा लगातार आमजन से लूटपाट करने की शिकायतें मिल रही थीं। इसकी शिकायत प्रदेश स्तर पर भी पहुंची अैर अब सरकार सख्त हो गई है।

पिछले दिनेां सरकार ने प्रदेशभर में ताबड़तोड़ निरीक्षण करवाएं, जिसमें बड़े पैमाने पर अस्पतालों में अव्यवस्थाएं मिलीं। ज्यादातर अस्पताल कागजों में ही संचालित होते हुए मिले। अधिकांश के पास स्वयं का भवन नहीं मिला और न ही पर्याप्त स्टाफ रहा। इस साल के मार्च के शुरुआत तक प्रदेश भर में करीब 1700 से अधिक नर्सिंग होम की स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निरीक्षण कर जांच पड़ताल की है। इनमें 1036 से अधिक नर्सिंग होम के संचालकों को शोकॉज नोटिस जारी किए गए। यही नहीं नियम कायदों को ताक पर रखकर चल रहे 180 से अधिक नर्सिंग होम के पंजीयन निरसत किए गए। सबसे ज्यादा फर्जी अस्पताल ग्वालियर में मिले हैं। यहां 60 से अधिक नर्सिंग होम के पंजीयन रद्द किए गए हैं। जबकि भोपाल शहर में 54 अस्पतालों के पंजीयन निरसत किए गए। स्वास्थ्य विभाग को इस ताबड़तोड़ कार्रवाई से फर्जी अस्पताल संचालकों में हडक़ंप मचा हुआ है ओर वे सकते में हैं। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेशभर में अस्पतालों का निरीक्षण कराया।

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में 2406 नर्सिंग होम पंजीकृत हैं। इनमें सबसे ज्यादा 369 नर्सिंग होम प्रदेश की राजधानी भोपाल में हैं। जबकि दूसरे नंबर पर ग्वालियर में नर्सिंग होम 367 हैं। वहीं इंदौर में 312, जबलपुर में 136 निजी अस्पताल पंजीकृत हैं। निजी नर्सिंग की सबसे कम संख्या उमरिया जिले में है यहां एक संख्या है, जबकि डिंडौरी में सिर्फ दो नर्सिंग होम हैं।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.