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वसुंधरा राजे का जन्मदिन बना सियासत का अखाड़ा, देव दर्शन यात्रा में शामिल होने को लेकर डरे भाजपा कार्यकर्ता!

राजस्थान। सुंधरा राजे का गुट उनका जन्मदिन आठ मार्च को केशोरायपाटन में मनाएगा। इस दिन वे बूंदी के केशोरायपाटन से अपनी देव दर्शन यात्रा भी शुरू करेंगी। राजे और भाजपा संगठन के बीच चल रही उठापटक प्रदेश में किसी से भी छिपी नहीं है। ऐसे में राजे समर्थकों का दावा है कि पूर्व सीएम के जन्मदिन पर प्रदेशभर से करीब एक लाख कार्यकर्ता केशोरायपाटन में जुटेंगे। समर्थक वसुंधरा को बधाई देने वाले लोगों और कार्यकर्ताओं का हाजिरी रजिस्टर भी तैयार करेंगे। जबकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा संगठन केशोरायपाटन पहुंचने वाले नेताओं की सूची तैयार करेगा। क्योंकि संगठन ने दबी जुबान में सभी नेताओं से इस यात्रा से दूरी बनाए रखने के लिए कहा है।  

कार्यकर्ताओं के लिए दोहरी मुश्किल बना जन्मदिन

एक तरफ वसुंधरा राजे का खेमा जन्मदिन से लेकर देवदर्शन यात्रा के लिए भीड़ जुटाने के लिए पूरा जोर लगा रहा है। वहीं दूसरी तरफ भाजपा संगठन से जुड़े नेता और कार्यकर्ताओं के लिए जन्मदिन दोहरी मुश्किल बना हुआ है। भाजपा संगठन से जुड़े लोगों को डर है कि अगर वह राजे को बधाई देने नहीं जाते हैं, तो उन्हें बाद में उन्हें राजे की नाराजगी झेलना पड़ेगी। वहीं दूसरी तरफ वे जन्मदिन जाते हैं तो पार्टी संगठन की तरफ से कार्रवाई का डर उन्हें सता रहा है।

राजस्थान भाजपा से जुड़े सूत्रों ने अमर उजाला को बताया कि राजे के केशोरायपाटन के आयोजन को लेकर भाजपा में फिलहाल असमंजस की स्थिति है। प्रदेशभर में खुलेआम पार्टी का एक वर्ग वसुंधरा राजे के साथ खड़ा है तो दूसरे ने जन्मदिन के कार्यक्रम से दूरी बना रखी है। दूसरा वर्ग इसे सिर्फ राजे समर्थकों का कार्यक्रम बताकर कई ऑडियो वायरल कर रहा है। जिसमें कार्यकर्ताओं को इस कार्यक्रम से दूर रहने की बात कही जा रही है। इससे पार्टी के कार्यकर्ता उलझन में हैं। उनके लिए यह स्थिति एक तरफ खाई तो दूसरी तरफ कुंआ है जैसी है।

पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल का कहना है कि राजे के जन्मदिन का कार्यक्रम एतिहासिक होगा। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए यहां जुटने वाली भीड़ वसुंधरा राजे को तीसरी बार सीएम बनाने का संकल्प लेगी। वसुंधरा राजे के जन्मदिन की तैयारियां बाड़मेर से लेकर धौलपुर तक और बारां से लेकर श्रीगंगानगर तक चल रही हैं।

तो जन्मदिन इसलिए बन रहा शक्ति प्रदर्शन का जरिया

दरअसल, अगले वर्ष राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टी पीएम मोदी के चेहरे को ही आगे रखकर चुनाव लड़ने का एलान कर चुकी है। इसलिए राजे समर्थक भारी भीड़ जुटाकर किसी भी कीमत पर राजे को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने के लिए आलाकमान को दबाव में लेना चाहते हैं। राजे समर्थक विधायक और कार्यकर्ता ताकत दिखा कर यह प्रदर्शित करना चाहते हैं कि उनके मुकाबले प्रदेश में कोई भी नेता नहीं है जो अपने दम पर पार्टी को सत्ता दिला सके।

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