नए उद्योग और आईटी कम्पनियेां को सस्ती बिजली देगा
इंदौर। औद्योगिक विकास केंद्र अब अब इंदौर और पीथमपुर में निर्माणाधीन नए इंडस्ट्रियल टाउनशिप पीथमपुर-सात ओर नए बहुमंजिला आईटी पार्क की नई यूनिट्स को खुद सस्ती बिजली सप्लाय करेगा। इस योजना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए औद्योगिक विकास केंद्र ने तैयारियां शुरु कर दी हैं। औद्योगिक विकास केंद्र इसके पहले पीथमपुर एसईजेड यानी स्पेशल इकोनॉमिकल जोन के उद्योगों को सालों से बिजली खरीद कर सारे प्रदेश की अपेक्षा सबसे सस्ती बिजली मुहैया कराता आ रहा है।
एमपीआईडीसी, एसइझेड के उद्योगों को 3.79 प्रति यूनिट बिजली देता है जबकि इंदौर-पीथमपुर के लगभग तीन हजार द्योगों को लगभग दस रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से विद्युत कम्पनी को भुगतान करना पड़ता है। इस मामले में पीथमपुर औद्योगिक संगठन और मध्यप्रदेश इंडस्ट्री एसोसिएशन सालों से मांग करते आ रहे हैं कि जिस तरह स्पेशल इकोनोमिकल जोन के 87 विद्युत केन्द्र बिजली मुहैया कराता है उसी तर्ज पर सरकार पीथमपुर के अन्य लगभग एक हजार उद्योगों को और सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र यानी पीथमपुर व इंदौर के जिला उद्योग व्यापार केंद्र के उद्योगों के लिए बिजली खरीदने का लाइसेंस दें। इससे औद्योगिक विकास केंद्र और जिला उद्योग व्यापार केंद्र विद्युत कम्पनी से अनुबंध कर एक मुश्त बिजली खरीद कर अपने अधीन संचालित उद्याोगों को एसइझेड की तरह सस्ती बिजली वितरित कर सके।
औद्योगिक विकास केंद्र ने अब अपने आधीन बन रहे 586 हेक्टैश में बन रहे नएपीथमपुर-सात इंडस्ट्रियल टाउनशिप और खण्डवा रोड पर लगभग पांच एकड़ जमीन पर बनने वाले बहुमंजिला नए आईटी पार्क के लिए सस्ती बिजली मुहैया कराने के लिए विद्युत कम्पनी से बिजली खरीदने के लिए सरकार से अनुमति मांगी है। अधिकारियों का दावा है कि बनने जा रहे 21 मंजिला नए आईटी पार्क व पीथमपुर-सात में नए उद्योगों व डाटा सेंटर संबंधित निवेश करने वाली कम्पनियों के लिए औद्योगिक विकास केंद्र को एसइझेड की तर्ज पर बिजली खरीदने व सप्लाय करने का लायसेंस मिल जायेगा। 393 करोड़ की लागत से बनने वाले नए आईटी पार्क में मेगा डाटा सेंटर संचालित करने की योजना प्रस्तावित है। डाटा सेंटर बनाने वाली कम्पनियों की अत्याधिक बिजली की खतप होगी। इसी तरह लगभग 474 करोड़ की लागत से इंदौर सीमा में बन रहे पीथमपुर में लगभग 25000 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है।
इसलिए जहां बिजली की अत्याधिक खपत होगी वहीं सस्ती बिजली निवेशकों को उद्योग लगाने व निवेश करने के लिए आकर्षित करेगी। इसके अलावा औद्योगिक विकास केंद्र प्रस्तावित इकॉनामिकल कॉरिडोर के आसपास लगने वाले उद्योगों के लिए भी खुद ही बिजली सप्लाय करने का प्रस्ताव बना रहा है। अधिकारियों के अनुसार वह आगामी दस सालों के लिए विद्युत कम्पनी से एक मुश्त बिजली खरीदने का अनुबंध कर अपने अधीन उद्योगों व डाटा सेंटर सहित आईटी कम्पनियों को सस्ती बिजली मुहैया कराएंगे।